Wednesday, 13 October 2010

कृति एक कल्पना !!!

एक मर्म और मन का अल्प अँधेरा
किसी कल्पना को जन्म देता है
एक ऐसी कल्पना जो अभी निर्मल-नवीन है
इस संसार से अछुती है

समय के साथ वो कल्पना पलती रही
विचारों के पालने में
उसको समेट लिया अपनी गोद में
कुछ अधूरे बिखरे पन्नो ने

किसी ने उसे अवांछित कहा तो
कोई अवहेलना करके चल दिया परन्तु
विचारों की धुरी पर वो कल्पना
अपना निश्चित रूप ले रही थी

व्यथा के पथ पर
आसीमित गहराईयों को छूती वो कल्पना
शब्दों से श्रृंगार कर
अब एक अक्षय कृति बन गई है

अक्षय-मन


29 comments:

kshama said...

व्यथा के पथ पर
आसीमित गहराईयों को छूती वो कल्पना
शब्दों से श्रृंगार कर
अब एक अक्षय कृति बन गई है ।
Kya kahun? Hamesha hee nihayat khoobsoortee se likhte ho!

रचना दीक्षित said...

वाह कितना अनोखा है सब कुछ दिल के बहुत करीब.

डिम्पल मल्होत्रा said...

कल्पनाए अछूती ही होती है पर जरूरी नहीं अंधेरो से ही निकले...
मनोस्थिति जैसी है कल्पनाए वैसी ही होती है..न जाने क्यों कविता में गहरी उदासी..
निराशा अवसाद की अधिकता क्यों है....:-(

vandana gupta said...

बहुत दिनो बाद आये अक्षय और सच अनुपम कृति लाये हो………………बेहद खूबसूरत्।

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (15/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com

Udan Tashtari said...

वाह! बहुत खूबसूरत रचना..पसंद आई.

दिगम्बर नासवा said...

कल्पना जब कविता में बदल जाती है तो अच्छा लगता है ....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति है!
लिखते रहिए!

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

bahut sunder pyarey ,tumhara andaz hi alag hai /bahut dino baad kuch sun kar accha laga ,pyar aur shubhkamanayen
sasneh
bhoopendra

ghughutibasuti said...

हर कविता कल्पना से ही शुरु होती है शायद। सुन्दर कविता है।
घुघूती बासूती

Avinash Chandra said...

हमेशा लिखते हो...आज भी बहुत अच्छा लिखा है मित्र.
अक्षय रहो और रहे अक्षय लेखन तुम्हारा...

महेन्‍द्र वर्मा said...

कुछ कल्पनाएं कविता में पविर्तित होती हैं तो कुछ यथार्थ में...प्रभावशाली कविता के लिए बधाई।

gyaneshwaari singh said...

bhaut sunder ..achchha laga itne din bad apka likha paha

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत ...अच्छा लगा पढ़ना

खबरों की दुनियाँ said...

अच्छी अभिव्यक्ति -अच्छे शब्द श्रृंगार ।

वाणी गीत said...

शब्दों के श्रृंगार से मन की कल्पना का अक्षय कृति बन जाना कविता ही तो है ...
सुन्दर ..!

Dr.Bhawna Kunwar said...

बहुत अच्छी रचना...

Dr Xitija Singh said...

wah... bahut khoob

लाल कलम said...

आप कि बहुत अच्छी अभिब्यक्ति होती है |

Parul kanani said...

main bas dohra rahi hoon..beautiful!

लाल कलम said...

आप कि इक - इक लाइन बहुत सुन्दर है
बहुत - बहुत आभार

अमित said...

बहुत खूब !!
अछुती को अछूती कर लें

मुकेश कुमार सिन्हा said...

व्यथा के पथ पर
आसीमित गहराईयों को छूती वो कल्पना
शब्दों से श्रृंगार कर
अब एक अक्षय कृति बन गई है ।


bahut dino par najar aaye, akshay!! lekin tumhari lekhini apne sarvottam ko sparsh kar rahi hai.......great!!

hame to tumse seekhna hai!!

rajeev matwala said...

abhivyaki ka sanchy kafi achha ban pda hai....subhkamnao sahi....

Dr Shalini Agam said...

I wish you & your family a very very Happy Prosperous Diwali..!!A Diwali full of light in your life, prosperity in your profession & continuos flow of wealth in your home.Celebrate the glittering festival of Diwali the traditional way and in the best of spirits!
dr.shaliniagam

डॉ० डंडा लखनवी said...

आपके मुक्तक पढ़ कर सुखद अनुभूति हुई।
कल नेताजी सुभाषचंद बोस की जयन्ती थी
उन्हें याद कर युवा शक्ति को प्रणाम करता हूँ।
आज हम चरित्र-संकट के दौर से गुजर
रहे हैं। कोई ऐसा जीवन्त नायक युवा-पीढ़ी
के सामने नहीं है जिसके चरित्र का वे
अनुकरण कर सकें?
============================
मुन्नियाँ देश की लक्ष्मीबाई बने,
डांस करके नशीला न बदनाम हों।
मुन्ना भाई करें ’बोस’ का अनुगमन-
देश-हित में प्रभावी ये पैगाम हों॥
===========================
सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी

Dinesh pareek said...

बहुत ही सुन्दर विचार है आपके और उतनी सुन्दर आपकी हर पोस्ट बहुत ही अच्छा लगा आपके विचार जन के |
कभी मेरे ब्लॉग पे पधारिये शायद कुछ आपके विचारो से मिलती जुलती कुछ पोस्ट मेरे ब्लॉग पे भी मिलेंगी
http://vangaydinesh.blogspot.com/

Human said...

behad hi acha likha hai aapne,bahut hi achi rachna

Kraant

http://poetry-kavita.blogspot.com

Dinesh pareek said...

ब्लॉग की दुस्निया में आपका हार्दिक स्वागत |
बहुत ही सुन्दर लिखा है अपने |
अप्प मेरे ब्लॉग पे भी आना के कष्ट करे
http://vangaydinesh.blogspot.com/

tamanna said...

kya baat hai..khub kahi hai aap ne..