वक़्त की इस किताब पर लिखे हैं
मेरी ज़िन्दगी के कुछ हिसाब
हर पन्ना वो पुरानी याद का
मुझे मेरी एक नई पहचान दे जाता है
और फिर से लिख जाता है कुछ ऐसा
जो आज मेरा वर्तमान है कल मेरा इतिहास होगा
खोलो उन लम्हों से बंधे पन्नो को जिसमे
यादों की दस्तक कभी सुख तो कभी दुःख
बनकर तुम्हारा परिचय देती है.....
मैं और मेरा परिचय उन पन्नो की तरहां अस्थिर है
जिन्हें पढने के बाद पलट दिया जाता है....और फिर
नया पन्ना,नया परिचय और कुछ नई यादें
लेकिन वही वक़्त की पुरानी किताब...अक्षय-मन
42 comments:
shandaar bhawnayen
Hameshaki tarah behad khoosurat rachna!Mere paas alfaaz nahi hain..
bahut sundar rachna....
bahut umda rachna hai...
bahut hi shandar ....... akshya ji shubhkamanayen..........
sunder bhav sunder rachana.
बहुत अच्छी कविता।
सरलता और सहजता का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है।
nice
Sundar Abhivyaqti
sahee parichay hai
vakt kee kitab ka...
sundar...
likhte rahen...
ssneh
Gita
Bahut sunder abhibyakti..bahut dino bad aapki wapsi hui ..badhai
kuchh sabd thik nahi utren hai aisa mujhe lag raha hai! kripya ek bar khud read kar lewe.
behtarin lekhani...ek ek panna sachaai ka pratik...
इक अरसे बाद आपकी पोस्ट आई.
वक़्त की पुरानी किताब पर कितने भी जोड़ घटा कर लो हाथ कुछ नहीं आता सिवा कुछ इक लम्हों के और यादो के.
लेकिन खुद का पन्नो की तरह अस्थिर होना मन की व्यथा बता रहा है.
jab bhi likhte ho to bahut bhala lagta hai ,
apna hi aks aine mey dhala lagta hai ,pyar,phone nahi uthate ho ,kya kahoon ,itne nasamajh bhi nahi jo kuch samajh na sako,jo bhi ho ....
tumhara hi ,
bhoopendra
bahut sundar !
bahut khub bahi ji ...acchi kavita hai
नया पन्ना ,नया परिचय , नई याद दे जाती है पुरानी किताब । यादें तो सुखद और दुखद होती ही है लेकिन आज पुरानी दुखद यादें भी सुखद अहसास देती है
बहुत सुन्दर व सही।
घुघूती बासूती
पुरानी किताब बहुत सुन्दर है !
अक्षय जी इस लाजवाब रचना के लिए उपयुक्त प्रशंशा के शब्द नहीं हैं मेरे पास...आप का लेखन विलक्षण है...सोच और शब्द चयन अद्भुत है...वाह...आपके ब्लॉग की साज सज्जा और चित्र चयन बहुत प्रभावशाली है...बधाई...
नीरज
गहरे भाव लिए ....... वक़्त रोज़ नये हिसाब लिखता है ..........
ये वक़्त की छाप है....जो गुजरने के बाद इतिहास ही बनेगी......
सुन्दर भाव.....
लिखने का एक फ़ायदा होता है की आप कभी भी पन्ने पलट कर अपने अतीत को पुन: जी सकते हैं
सुन्दर रचना
http://sonal-rastogi.blogspot.com/
main bahut late ho gayi aapki kavitayein padne mein. par ab jab aayi hoon to jana hai shayad kuch kho rahi thi.
aap bahut achha likhte hai.
-Sheena
kya likhte hai aap...fan ho gayi main
वक्त की किताब के ये पन्ने बहुत खूबसूरत इबारत लेकर आये हैं ।
बहुत सुन्दर ,लाजवाब रचना .....
awesome
suman'meet'
awesome
suman'meet'
बहुत सुंदर ब्लॉग...
बहुत गहरे भाव
grt combination
बहुत गहरी बात सुन्दर भावों से सजी रचना
Live in moments !
बहुत ही बढ़िया रचना...जैसा भी इतिहास हो ,आपकी यह कविता प्रासंगिक ही रहेगी.
bahut hi achchi rachna....
bahut hi achchi rachna....
जिन्हें पढने के बाद पलट दिया जाता है....और फिर
नया पन्ना,नया परिचय और कुछ नई यादें
लेकिन वही वक़्त की पुरानी किताब..
sundar bhaavpoorn abhivyakti ..
padhker maza aa gaya.
यादों की दस्तक कभी सुख तो कभी दुःख
बनकर तुम्हारा परिचय देती है.....
kya bat hai ...javab nahi..
vaythit man se nikla gaan, aisa kabhi bhi nahi hua ki har man ko na chhua ho.marm tak jati hai puri rachna aapki shubhkamnayen . akshay ji
बहुत सुन्दर अच्छी लगी आपकी हर पोस्ट बहुत ही स्टिक है आपकी हर पोस्ट कभी अप्प मेरे ब्लॉग पैर भी पधारिये मुझे भी आप के अनुभव के बारे में जनने का मोका देवे
दिनेश पारीक
http://vangaydinesh.blogspot.com/ ये मेरे ब्लॉग का लिंक है यहाँ से अप्प मेरे ब्लॉग पे जा सकते है
आपकी ज़िन्दगी का हिसाब मुक्तछंदी होने के बावजूद काफी मार्मिक है....एक अत्यंत उत्तम रचना पढ़ी...पढ़कर अच्छा लगा!
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