Thursday, 8 September 2011

चीखते शब्द/भीगी नज़्म/कशमोकश



ये शब्द 
इन्हें ग़म तो तमाम 
दे देता हूं अपने 
पर बाद में क्यूँ 
सुनता नहीं 
उन पन्नो में दबी 
हुई इनकी चीखें 
जिसपर वक़्त ने गर्द की 
एक चादर चढ़ा दी है....
मेरी पहचान तलाशते वो शब्द 
अब खुद ही कहीं धूमिल हो गए 
पुराने वो शब्द पन्नो में दबी 
जिनकी चीखें 
वो गर्द,वो किताब
और वो बीता वक़्त 
सब भुलाकर नए शब्दों 
की तलाश मे 
बहुत स्वार्थी हो गया हूं मैं

भीगी नज़्म 

आंखें नम हैं तुम्हारी
सुर्ख ये पन्ने गीले
और शब्दों की बारिश
ऐसा लगता है जैसे
ख्यालों के आसमां में
दर्द की बिजलियाँ
कोंध सी गई हों
तुमने क्यूँ
नहीं भिगोया मुझे भी 

अपनी इन नज्मों की तरहां ??.


कशमोकश
मुझे अब एक अजीब सा डर
सताने लगा है
अजीब सी कशमोकश में हूं
अपने शब्दों में तुझे
कितना याद करता हूं मैं
लेकिन
अब तेरे वापस आने से डर लगता है मुझे
अब तू वापस नहीं आना कभी
तेरे आने से कहीं
ये शब्द ना रूठ जाये मुझसे
तेरे बिना जी पाने की
एक वजह ये शब्द ही हैं
मैं इनको अब कभी नहीं छोड़ पाउँगा !!!!




~~अक्षय-मन 

64 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

पर बाद में क्यूँ
सुनता नहीं
उन पन्नो में दबी
हुई इनकी चीखें....

गहन ...शब्दों की वेदना को दिए सुंदर शब्द......

रश्मि प्रभा... said...

पुराने वो शब्द
पन्नो में दबी चीखें
सब भुलाकर
नए शब्दों
की तलाश मे
बहुत स्वार्थी
हो गया हूं मैं!
...............
तुमने क्यूँ नहीं भिगोया मुझे
अपनी इन नज्मों की तरहां ??.
..................
तेरे आने से कहीं
ये शब्द ना रूठ जाये मुझसे....

her bhaw dard ke samandar se nikle lagte hain

नदीम अख़्तर said...

लाजवाब। बहुत ही वास्तविक अंतर्मन के भाव हैं। मुग्ध हो गया मैं तो।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

तीनों रचनाएँ मन को छूती हुई ... नि:शब्द कर दिया ..

Sawai Singh Rajpurohit said...

बहुत सुन्दर रचना शेयर करने के लिये बहुत बहुत आभार

Udan Tashtari said...

बहुत भावपूर्ण है...बढ़िया!!

Dr.Sushila Gupta said...

कशमोकश
मुझे अब एक अजीब सा डर
सताने लगा है
अजीब सी कशमोकश में हूं
अपने शब्दों में तुझे
कितना याद करता हूं मैं

hradaya-isparshi, bhavvibhor kar dene wali rachna ka aaswadan karane ke lie aapka bahut2 abhar.

संजय भास्‍कर said...

तेरे बिना जी पाने की
एक वजह ये शब्द ही हैं
मैं इनको अब कभी नहीं छोड़ पाउँगा !!!!
बहुत खूबसूरती से आपने इस मर्म को बयान किया है
सुन्दर रचना

संजय भास्‍कर said...

सब भुलाकर नए शब्दों
की तलाश मे
बहुत स्वार्थी हो गया हूं मैं
वाह वाह क्या बात कही है। अति सुन्दर।

shama said...

अब तेरे वापस आने से डर लगता है मुझे
अब तू वापस नहीं आना कभी
तेरे आने से कहीं
ये शब्द ना रूठ जाये मुझसे
तेरे बिना जी पाने की
एक वजह ये शब्द ही हैं
मैं इनको अब कभी नहीं छोड़ पाउँगा !!!!
Harek shabd chuninda...harek panktee behtareen!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

शब्द पर बहुत सारगर्भित रचना लिखी है आपने!

Anju (Anu) Chaudhary said...

फिरती हूँ शहर शहर समेटे हर एक याद ;
ना कोई अपना दिखाई दे ,ना पराया सा कोई भी लगे ||

anu

Randhir Singh Suman said...

nice

Minakshi Pant said...

bahut sundar rachna :)

दिगम्बर नासवा said...

bahut lajawaab rachna ... bhaavpoorn ...

Anupama Tripathi said...

dard chhupa har rachna me ...
samvedansheel ...marmsparshi...

Dr Varsha Singh said...

मन को उद्वेलित करने वाली मार्मिक कविताएँ.....

vijay kumar sappatti said...

आखरी नज़्म ने मन को छु लिया बेटा .. मैं अब क्या कहूँ ...... बस यूँ ही लिखा करो.....

विजय

amrendra "amar" said...

सुन्दर भावपूर्ण व मार्मिक प्रस्तुति.

अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार,

amrendra "amar" said...

मुझे अब एक अजीब सा डर
सताने लगा है
अजीब सी कशमोकश में हूं
अपने शब्दों में तुझे
कितना याद करता हूं मैं
लेकिन
अब तेरे वापस आने से डर लगता है मुझे
अब तू वापस नहीं आना कभी
तेरे आने से कहीं
ये शब्द ना रूठ जाये मुझसे
तेरे बिना जी पाने की
एक वजह ये शब्द ही हैं
मैं इनको अब कभी नहीं छोड़ पाउँगा !!!!
waah behtreen alfaj aur ahsaasa ke saath bahut hi behtreen najm ...badhai

Ankit pandey said...

lajavaab rachna...shubhkaamnayen

Sunil Kumar said...

शब्दों की वेदना को दिए, सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति ...

Maheshwari kaneri said...

मन को छूने वाली भावपूर्ण मार्मिक कविताएँ....

Anonymous said...

gazab ka bhaav liye sabhi shabd..aur bade dil se likhee gayi rachnaayein hai..achha laga yahaan aake


Apne blog par fir se sajag hone ke prayaas me hoon:
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/

महेन्‍द्र वर्मा said...

ख्यालों के आसमां में
दर्द की बिजलियाँ
कोंध सी गई हों
तुमने क्यूँ नहीं भिगोया मुझे
अपनी इन नज्मों की तरह ?

स्मृतियों के धुंधलके में आस की कुछ चमकीली किरणों-सी रचना।

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

bahut sunder likh rahe ho/dikh rahe ho honey/love and blessings,kaise ho?
dr.bhoopendra
rewa

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...





आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

-राजेन्द्र स्वर्णकार

Suman Dubey said...

ऽअक्षय जी नमस्कार्। सुन्दर भाव शब्दो को लेकर ।

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

वाह....बढ़िया लिखा है भाई......

Rachana said...

पुराने वो शब्द
पन्नो में दबी चीखें
सब भुलाकर
नए शब्दों
की तलाश मे
bahut sunder bhav
rachana

Human said...

बहुत भावपूर्णँ व उत्कृष्ट रचनाएँ। आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायेँ।

monali said...

First poem says dat u became se;fish while da last one declares dat u wud nvr break ur commitment wid these words.. perplexed thoughts n superb poetry

कविता रावत said...

शब्दों की वेदना मुखरित हो उठी रचना में..
सुन्दर प्रस्तुति हेतु आभार!

आशा बिष्ट said...

वो बीता वक़्त
सब भुलाकर नए शब्दों
की तलाश मे
बहुत स्वार्थी हो गया हूं मैं

बहुत अच्छी पंक्तियाँ है .....
सुन्दर रचनाएँ ...

Rajesh Kumari said...

bahut khoob harday ki gahan man ko choone vaali abhivyahyiyan.

Jeevan Pushp said...

आंखें नम हैं तुम्हारी
सुर्ख ये पन्ने गीले
और शब्दों की बारिश
ऐसा लगता है जैसे
ख्यालों के आसमां में
दर्द की बिजलियाँ
कोंध सी गई हों


बहुत सुन्दर मन का भाव शब्दों के जरिये उकेरे है आप
सुन्दर प्रस्तुति के लिये धन्यबाद आपका
मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत है ...

Ravikant yadav said...

good

Ravikant yadav said...

बहुत खूब आप मेरी रचना भी देखे ...........

रजनीश तिवारी said...

बहुत सुंदर ढंग से गहरे भावों को प्रस्तुत किया है ...

ऋता शेखर 'मधु' said...

पुराने वो शब्द
पन्नो में दबी चीखें
सब भुलाकर
नए शब्दों
की तलाश मे

बहुत ही भावपूर्ण एवं सुन्दर रचना,वेदना बताती हुई...

संध्या शर्मा said...

तीनों रचनाएँ मन को छू गयीं ... दर्द झलक रहा है इनमे...वेदना को शब्द दे दिए...

Dr.NISHA MAHARANA said...

सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति ...

Dr.NISHA MAHARANA said...

अब तेरे वापस आने से डर लगता है मुझे
अब तू वापस नहीं आना कभी
तेरे आने से कहीं
ये शब्द ना रूठ जाये मुझसे.no words to say.

Chand4ever said...

very nice , lagta hai dil se likhi hai

S.N SHUKLA said...

सुन्दर प्रस्तुति, सुन्दर भाव , बधाई.

Rohit_blogger at http://floating-expressions.blogspot.in/ said...

khubsurat rachna,
gehre soch!

निर्झर'नीर said...

वो गर्द,वो किताब
और वो बीता वक़्त
सब भुलाकर नए शब्दों
की तलाश मे
बहुत स्वार्थी हो गया हूं मैं

behatriin kya baat kahi hai .yakinan daad ki haqdaar rachna ,bandhai swikaren

Ashok Sharma said...

Bahut sundar blog aur dil ko chhoo lene wale bhav,,,,,,badhai mitra

Unknown said...

▬● अच्छा लगा आपकी पोस्ट को देखकर... साथ ही आपका ब्लॉग देखकर भी अच्छा लगा... काफी मेहनत है इसमें आपकी...
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके लिए सपरिवार शुभकामनायें...

समय निकालकर मेरे ब्लॉग्स की तरफ भी आयें तो मुझे बेहद खुशी होगी...
[1] Gaane Anjaane | A Music Library (Bhoole Din, Bisri Yaaden..)
[2] Meri Lekhani, Mere Vichar..
.

कौशल किशोर said...

bahut sundar bhai....chhu si gayi aapki kavita...
badhayi.

avanti singh said...

bahut hi behtareen....bahut hi umda likhte hai aap....bdhaai sweekaren....

Unknown said...

▬● बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने... शुभकामनायें...
दोस्त अगर समय मिले तो मेरी पोस्ट पर भ्रमन्तु हो जाइयेगा...
Meri Lekhani, Mere Vichar..
http://jogendrasingh.blogspot.com/2012/01/blog-post_23.html
.

rahulpnd.blogspot.in said...

nice 1...
follow mine blog to see some hindi poetries of mine..kuchh pathik akele hote hain.....@

www.rahulpnd.blogspot.com

Anonymous said...

sundar rachna,bdhaai aap ko...

Dr.NISHA MAHARANA said...

अपने शब्दों में तुझे
कितना याद करता हूं मैं
लेकिन
अब तेरे वापस आने से डर लगता है मुझे.bahut achcha.

Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank) said...

बहुत खुबसूरत रचना ||
दिल को छू गई , दर्द भरे भाव ||
बेहतरीन !!

निर्झर'नीर said...

तुमने क्यूँ नहीं भिगोया मुझे भी
अपनी इन नज्मों की तरहां ??.
बेहतरीन !!

Saras said...

आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ ...मैं आपकी प्रतिभा को शब्दों में समाहित नहीं कर सकती ...बस यूहीं लिखते रहिये ...माँ सरस्वती की अनुकम्पा आप पर बनी रहे

Dr Varsha Singh said...

सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति ...

Dr Xitija Singh said...

बा-कमाल... !!!

Anonymous said...

Very Nice and heart touching. your work--"Kashmokash" touched my heart. no words for praise.......

akalpniya atulniya........

Poonam Agrawal said...

Bahut din k baad aapke blog per aana hua ... bahut kuch badal gaya hai yahan per ... tum bhi ... tumhari lekhni to mujhe pahle se pasand hai hi ... ab aur bhi jayada achcha likhne lage ho ... likhte raho aise hi ... aur ham tumhare dwara likha hua padhte rahe ...

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

बहुत बहुत खूबसूरत......सभी कवितायें एक से बढ़ कर एक......

अनु

Dr. Madhuri Lata Pandey (इला) said...

shabd rahen sath shabd kahen baat khushnuma subah ho ya dard bhari raat.....achhi rachna