१.
उम्मीद की डोर बंधी है मेरे लहराते आँचल से
उम्मीद की डोर बंधी है मेरे लहराते आँचल से
कोई झोका हवा का उसका पता पूछे गरजते बादल से
किसी को मालूम नही वो कहाँ है कैसा है कितना
दर्द है कितना इंतज़ार पूछो मेरे अश्क, मेरे काजल से ।
२.
सांसों को अपनी शब्दों का नाम देदो
क़यामत को इस कलम की पयाम देदो
तेरा क्या बिगाड़ पायेगा कोई
मौत को तुम अब मोहब्बत का काम देदो ।
सांसों को अपनी शब्दों का नाम देदो
क़यामत को इस कलम की पयाम देदो
तेरा क्या बिगाड़ पायेगा कोई
मौत को तुम अब मोहब्बत का काम देदो ।
३.
हर दरख्त,वो दुखती रग इक दुआ बन जायेगी
हर दरख्त,वो दुखती रग इक दुआ बन जायेगी
खुदा की रहनुमाई में छाव बन छा जायेगी
क्या बिगाड़ेगा कुछ नसीब अपना
शाख-शाख जब होंसलों की अस्ल बन जायेगी ।४.
कोई चहरा इन निगाहों से बच नही सकता
सच झूठ का फ़ैसला एक रात में हो नही सकता
मैं जानकर भी अनजान हूं तेरे चहेरे की लकीरों से
छुपा गया जो तू मुझसे राज वो गहरा हो नहीं सकता
५.
जाओगे तुम जहाँ हमारा पथ वही है
सारथी हैं हम-तुम ये रथ भी वही है
चिरागों के बुझने से राहें नही खोती
विश्वास की राह जो चले सच्चा पथिक वही है ।
अक्षय-मन
अक्षय-मन
39 comments:
सांसों को अपनी शब्दों का नाम देदो
क़यामत को इस कलम की पयाम देदो
तेरा क्या बिगाड़ पायेगा कोई
मौत को तुम अब मोहब्बत का काम देदो
अक्षय जी
सब की सब मुक्तक, सारे छंद एक से बढ़ कर एक. बहूत ही सुन्दर हैं...उअथार्थ की लेखनी से लिखे, सत्य की करीब और ये सब से बढ़ कर
मुक्तक पढने का आदेश हुआ /बहुत ही जानदार मुक्तक /दर्द से याद आया "वो मुझसे पूछते है दर्द कहाँ होता है ,अरे -एक जगह हो तो बतादूँ कि यहाँ होता है /मौत को तुम अब मोहब्बत का काम देदो या ""नाम देदो ""भी चलेगासही है नसीब क्या बिगाडेगा ""नशेमन पे नशेमन इस कदर तामीर करता जा ,कि बिजली गिरते गिरते आप खुद बेजार हो जाए ""विश्वास की राह और साथ में सन्मार्ग पर चले वही सच्चा पथिक है ऐसों के भटकने का डर नहीं होता
bahut din baad tumhara likha padha achcha laga
har muktak bahut hi gahrayi ke sath likha hua........har dard ko bayan karta hua.
Prayaas jaari rakhe....
sundar rachna akshay!
koee chehraa en nigaho se bach nahi sakta...sunder ahsaas...
यकीनन हमेशा की तरह बहुत अच्छा.
Laajavaab.....My best wishes
दर्द है कितना इंतज़ार पूछो मेरे अश्क, मेरे काजल से
khyal achchhe hein
mnmamni se deewanee me aajao
"उम्मीद की डोर बंधी है मेरे लहराते आँचल से"-sundar racna ke liye badhai!
-apke comments mere blog par mile.achchha laga.dnanyaad!
wah akshay! aapka jawab nahi
पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ की आपको मेरी शायरी पसंद आई! मेरे दूसरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा!बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है!
Akshay, tumharee har rachna mujhe stabdh-nishabd kar detee hai..har baar dilse ek tamanna nikalti hai,ki, kaash kabhi maibhi itna sundar likh paatee...
Mere blogpe tumhen dekhe zamane ho gaye!
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bahot khoob likha hai akshayjee....
जाओगे तुम जहाँ हमारा पथ वही है
सारथी हैं हम-तुम ये रथ भी वही है
चिरागों के बुझने से राहें नही खोती
विश्वास की राह जो चले सच्चा पथिक वही है
aapka ye muktak bahut gahra hai..
aapne dosti ke layak samjha or meri hosla_afzaaii ki ye mere liye khushi ki baat hai ..shukria dil se
bahut sunder rachana
itna achha likhte hai aap...mere hisaab se is blog par aur regularly likhna chahiye aapko...sach me kamaal ki rachnaaye hai yahaan
Bahut sundar muktak hain apke akshay ji.khaskar ye to bahut badhiya laga
सांसों को अपनी शब्दों का नाम देदो
क़यामत को इस कलम की पयाम देदो
तेरा क्या बिगाड़ पायेगा कोई
मौत को तुम अब मोहब्बत का काम देदो ।
shubhakaamnayen.
अक्षय जी मुक्तक बहुत अच्छे लगे पर सरे पडःते -2 आंखें थक गयी भै हम बूढों का भी ध्यान रखा करो पीछे की बैक ग्राऊंम्ड कुछ हलकी कर दो तो कृपा होगी आभार्
अक्षय जी मुक्तक बहुत अच्छे लगे पर सरे पडःते -2 आंखें थक गयी भै हम बूढों का भी ध्यान रखा करो पीछे की बैक ग्राऊंम्ड कुछ हलकी कर दो तो कृपा होगी आभार्
bahut khoobsurat rachana .bahut hi achchhaa laga .har line behatrin dil ko chu gayi .
बहुत शानदार मुक्तक, अक्षय .
hi,
My Self Saifuddin and Manoj,
I Really like you blog, Specially the Layout,
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regardly
vaah bhai bahut achha likhte hai aap shabdo me bayan karna bahut muskil hai....
jaari rakhe halaaki ye link mere se chhupaa rakhaa tha... khair prayaas jaari rakhe,......
arsh
Aap kuch muktak - www.kritya.in ke liye bhejen to accha lagega,
shubham
Rati Saxena
SHABD AUR REKHAAON KI DILKASH PRASTUTI .SAADHUVAAD.IS SUNDAR KALAA SE PARICHAYE KARVAANE KE LIYE DHANYAAVAAD.
JALLI KALAM SE
JHALLI GALLAN
ANGREZI.COM
good
sundar
जाओगे तुम जहाँ हमारा पथ वही है
सारथी हैं हम-तुम ये रथ भी वही है
चिरागों के बुझने से राहें नही खोती
विश्वास की राह जो चले सच्चा पथिक वही है
bahut accha laga..
likhte raho..
sunder hein sabhi muktak!
A fantastic work of art! Beautiful.
to guuuuuuuuud he sab ki sab....
poojaji
acha laga aapke muktak padhker....vishwas ki rah jo chale sacha pathik wahi...wah
दर्द है कितना इंतज़ार पूछो मेरे अश्क, मेरे काजल से ।
दीप सी जगमगाती जिन्दगी रहे
सुख-सरिता घर-मन्दिर में बहे
श्याम सखा श्याम
बहुत खूब!
achha prayas hai,aur accha bhi ho sakta hai,laye rahiye.
very good yaar.. keep it up..
कल हलचल पर आपके पोस्ट की चर्चा है |कृपया अवश्य पधारें.....!!
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